Friday, April 26, 2013

वो पल...

वो पल कैसे भूल जाऊ मैं,
वो यादें कैसे याद न करू मैं,
सोच कर इतना ही,
आंखें नम हो गई है मेरी ,
हाल ऐ दिल अब कैसे बताऊ मैं तुम्हे ।

मोहब्बत न कल भी थी कम,
मोहब्बत न हुई आज भी कम ,
फर्क इतना है कि,
कल तक तुम साथ थी मेरे ,
आज छोड़ कर जा रही हो तुम।

आंखें नम नहीं है आज मेरी ,
चेहरे पर भी न कोई शिकन,
मेरी मोहब्बत में ही थी कमी कोई ,
तभी यूँ छोड़कर जा रही हो तुम।

खुदा से रहमत इतनी,
जरुर मांग लूँगा मैं ,
तू खुश रहे अपनी नई ज़िन्दगी में ,
और मैं डूबा रहूँ अपनी आशिकी में।
--------------------------------------------------
:-By अनंत शर्मा

No comments:

Post a Comment