Wednesday, March 20, 2013

दोस्त..

हर बात पर जो गाली दे, वो दोस्त होता है,
आँसू दोस्त के बहे, और दर्द खुद को हो,
वो दोस्त होता है,
गलती कोई और करे और डांट खुद सुने ,
वो दोस्त होता है,
जब घरवाले पास न हो, तब जो खयाल करे,
वो दोस्त होता है,
जिसके गले लगाने से ,
बहते आँसू भी रुक जाए,वो दोस्त होता है।
कमीना कहने पर भी, जो जोर से हंसे ,
वो कमीना दोस्त होता है,
खुद की हार पर जो हँसता है,
वो दोस्त होता है,
"पॉकेट मनी" दोस्त को मिले और जो ज्यादा खुश हो,,
वही पागल दोस्त होता है।
झपट कर जो खाना ले भाग जाए ,,
वो कमीना प्यारा दोस्त होता है।
रोज तुमसे लड़कर भी,
तुमहारे लिए दुसरो से लड़ जाए,
वो भोंदू दोस्त होता है,
"जस्ट चिल्ल चिल्ल" कह कर चिल्ड कोल्डड्रिंक पूरी पी जाए,
वो भुक्कड़ भी दोस्त होता है,
परीक्षा में जो पूरी रात तुम्हे पढाये वो दोस्त होता है,
कभी न खुद पढे और न तुम्हे पढने देने वाला भी,
दोस्त होता है,
बात बात पर पैसे मांगे ,
वो भिखारी भी प्यारा दोस्त होता है,
कुछ भी कहो यारो ,,,,,
दोस्त भी सच्ची में दिल के करीब होता है,
नालायक ही सही,,लेकिन बहुत अजीज होता है।।
------------------------------------------------------------By : अनंत

Friday, March 8, 2013

नारी...

नारी की क्या किस्मत है,
कितनी बेबस वो दिखती है।

कहीं कहीं वो रानी है,
कहीं अधूरी कहानी है।

नारी हमेशा चुप रहती  है,
 फिर  भी कितना सहती है.

दुर्गा रूप है नारी का ,
ईश्वरीय स्वरुप है नारी का।

सरस्वती का रूप है नारी,
ज्ञान का भंडार है नारी ,
अफ़सोस इस युग में,
शिक्षा को तरसती है नारी।

समाज के हर स्तर पर,
अग्रणी है नारी,
फिर भी दहेज़ न लाने पर,
जिन्दा रोज जलती है नारी।

खुद की पहचान छोड़,
नए रिश्तो को अपनाती है नारी,
फिर भी हमेशा मेहमान,
 क्यों बनी रहती है नारी।

नारी को पूजा जाता है,
तीज और त्योहारों पर,
उसी नारी को क्यों छेड़ा जाता ,
गली मोहल्ले, चौराहों पर।

नारी है ईश्वर का रूप,
इसका अपमान करने की,
करो न भूल, करो न भूल ।