पल एक पल का रिश्ता था,
पलभर में वो टूट गया,
पल दो पल की यादों को,
मैं अब भी न भूल सका,
इस पल का मैं कुछ बोल सकूँ ,
कुछ पल का मैं भी सुन सकूँ,
ये पल है न मेरा अब,
वो पल जो था मेरा तब,
दिल भी अब दुःख देता है,
इस पल को अब कहूँ तो कब,
मेरा था जो बीत गया ,
वो पल भी अब रीत गया ,
रोने से अब कुछ नहीं होता ,
मेरा पल-कल अब छुट गया।
BY : अनंत
No comments:
Post a Comment