और अंत में मिली तो दुनिया की दुत्कार....
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देश में जो करप्शन फैला हुआ है ,
इसे दूर कोई नहीं कर पाएगा,
करने जाएगा दूर इसे कोई,
वो या तो करप्ट खुद हो जाएगा,
या फिर एक ईमानदार गुमनाम मौत ही पाएगा,
देश हित में जो कोई सोचेगा,
गाली और मार मुफ्त में वो हर कही बेधड़क पाएगा,
दुनिया बदलने का सोचने वाले,
हर शख्स को मेरा नमन है,
क्योकि सोच को सोच ही रखना,
बड़े साहब इस सोच वालो के लिए,
बड़े ही बेरहम है,
अपने होश पर जोश हावी ना होने देना,
मेरे दोस्तों अपनी ज़िन्दगी बड़े साहबो से बचाकर जीना,
सब बातें जरुर बड़ी करेंगे,
लेकिन इक दिन तुम्हे अकेला छोड़,
खुद किसी और की गुलामी करेंगे.
जय हिन्द ,
By : अनंत
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